बस ‘हिक’ कहो | Bas ‘Hik’ Kaho

बस ‘हिक’ कहो | Bas ‘Hik’ Kaho

बस ‘हिक’ कहो | Bas ‘Hik’ Kaho के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : बस ‘हिक’ कहो है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.3 MB है | पुस्तक में कुल 17 पृष्ठ हैं |नीचे बस ‘हिक’ कहो का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बस ‘हिक’ कहो पुस्तक की श्रेणियां हैं : children

Name of the Book is : Bas ‘Hik’ Kaho | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.3 MB | This Book has 17 Pages | The Download link of the book " Bas ‘Hik’ Kaho " is given above, you can downlaod Bas ‘Hik’ Kaho from the above link for free | Bas ‘Hik’ Kaho is posted under following categories children |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 1.3 MB
कुल पृष्ठ : 17

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किसान ने हसन को जो कहा, उसे याद रखने को वह आतुर था. सो वह झटपट वही बात दोहराने लगा, “ऐसी पाँच या दस होनी चाहियें! ऐसी पाँच या दस होनी चाहियें!" जब उसे विश्वास हो गया की यह शब्द उसे याद हो गये थे तो वह धूल भर रास्ते पर अपने जूते घसीटता हुआ बाज़ार की ओर चल दिया. ऐसी पाँच या दस होनी चाहियें!” चलते-चलते वह यह बात बोलता गया.

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