मलूकदास जी की बानी | Maluk Das Ji Ki Bani

मलूकदास जी की बानी | Maluk Das Ji Ki Bani

मलूकदास जी की बानी | Maluk Das Ji Ki Bani

मलूकदास जी की बानी | Maluk Das Ji Ki Bani के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मलूकदास जी की बानी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shiv Prasad | Shiv Prasad की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.6 MB है | पुस्तक में कुल 48 पृष्ठ हैं |नीचे मलूकदास जी की बानी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मलूकदास जी की बानी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography, Knowledge

Name of the Book is : Maluk Das Ji Ki Bani | This Book is written by Shiv Prasad | To Read and Download More Books written by Shiv Prasad in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.6 MB | This Book has 48 Pages | The Download link of the book "Maluk Das Ji Ki Bani " is given above, you can downlaod Maluk Das Ji Ki Bani from the above link for free | Maluk Das Ji Ki Bani is posted under following categories Biography, Knowledge |

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पुस्तक का साइज : 1.6 MB
कुल पृष्ठ : 48

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एक बार यह एक दूर के गाँव में कम्मल बेचने गये लेकिन उस दिन न तो कोई कम्मल बिका और न कोई मॅगता मिला जिसे मुफ्त दे देते, पूरा गट्टर कम्मलों का फड़ी धूप में सिर पर लाद कर घर लाने में थक गये और इसलिये रास्ते में एक नीम के पेड़ की छाया में बैठ गये कि एक मजदूर आया और कहा कि एक टका पर हम तुम्हारा गट्ठर घर पर पहुँचा देगे मजदूर तेज चाल से आगे बढ़ गया और बावाजी आप वेफिकर भजन करते हुए घर लौटे मजदूर के अकेले गठरी लाने पर इनकी मा फो सन्देह हुआ कि कहीं कुछ कम्मल निकाल न लिये हों इसलिये उसे थोडा सा खाना देकर खिलाने के वहाने कोठरी में बन्द कर दिया

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