मानस हंस अथवा तुलसीरामायण रहस्य | Manas Hans Athva Tulsi Ramayan Rahasya

मानस हंस अथवा तुलसीरामायण रहस्य | Manas Hans Athva Tulsi Ramayan Rahasya

मानस हंस अथवा तुलसीरामायण रहस्य | Manas Hans Athva Tulsi Ramayan Rahasya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मानस हंस अथवा तुलसीरामायण रहस्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shriyut Dr. Keshav Lakshman Nakhur | Shriyut Dr. Keshav Lakshman Nakhur की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 7.4 MB है | पुस्तक में कुल 332 पृष्ठ हैं |नीचे मानस हंस अथवा तुलसीरामायण रहस्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मानस हंस अथवा तुलसीरामायण रहस्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

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पुस्तक का साइज : 7.4 MB
कुल पृष्ठ : 332

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अब देखने को गोसाईजीने अपनी रामायण द्वारा क्या किया । सभी चै हम सहमत हैं कि स्वामीनीने अपनी रामायण द्वारा लेक धंग्रहके लिये ईशप्रेमका जीता झरना देशके हवाले किया । इतना उपकार करते हुए उन्होंने लोकशिक्षाके लिये वास्तविकॅमें अपने घनतत्यकाभी खुले दिलसे निदर्शन कर देना था । परंतु उस विषयमें थे अटल मुग्ध बने रहें। प्रश्न है कि यह मुग्धता अहेतुक थी या सहेतुक ! हमें वह सेहतुक जान पड़ती है। इसका कारण हमें यही प्रतीत होता है कि उनकी आमदानीमें भिन्न भिन्न धर्म और पंथ जोरोसे फूकार कर आपसमें टकरे लगा रहे थे। ऐसी स्थितिमें यदि स्वयके धर्मविचार उन्होंने प्रगट किथे होते ती किसी ना किसी धर्म अथवा पथके ३ पौषक घन जाते, या सभी विरोध होते ।

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