मेवाड़ का इतिहास | Mewad Ka Itihas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मेवाड़ का इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shyamaldas | Shyamaldas की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shyamaldas | इस पुस्तक का कुल साइज 103.3 MB है | पुस्तक में कुल 822 पृष्ठ हैं |नीचे मेवाड़ का इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मेवाड़ का इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge
Name of the Book is : Mewad Ka Itihas | This Book is written by Shyamaldas | To Read and Download More Books written by Shyamaldas in Hindi, Please Click : Shyamaldas | The size of this book is 103.3 MB | This Book has 822 Pages | The Download link of the book "Mewad Ka Itihas" is given above, you can downlaod Mewad Ka Itihas from the above link for free | Mewad Ka Itihas is posted under following categories history, Knowledge |
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इसी सबबसे अगर्चि चित्तौड़के पास होकर बादशाही लश्करका रास्तह मुकर्रर हुआ था, लेकिन् उसे छोड़कर कन्दराक घाटेसे डिौती होकर गया. महाराणाका वकील बाघमल्ल और मोतमद झाला कान्ह वगैरह इस कोशिशमें बादशाही लश्करके साथ थे कि वाफ तीनों पर्गने जो कृनेमें किये, उनकी सनद सिल करके महाराजा जयसिंह और म.राजा :जीतसिंह का भी मत्लब पूरा किया जावे. बादशाही अल्कार कुछ दबाव और कुछ लालचसे बादशाहके दिलपर राजा लोगोंकी तरफसे रोब बढाते जाते थे |