मोक्ष शास्त्र : नाथूराम प्रेमी हिंदी पुस्तक मुफ्त पीडीऍफ़ डाउनलोड | Moksha Shastra : Nathuram Premi Hindi Book Free PDF Download

मोक्ष शास्त्र : नाथूराम प्रेमी | Moksha Shastra : Nathuram Premi

मोक्ष शास्त्र : नाथूराम प्रेमी  | Moksha Shastra : Nathuram Premi

मोक्ष शास्त्र : नाथूराम प्रेमी | Moksha Shastra : Nathuram Premi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मोक्ष शास्त्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Nathuram Premi | Nathuram Premi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 7.2 MB है | पुस्तक में कुल 202 पृष्ठ हैं |नीचे मोक्ष शास्त्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मोक्ष शास्त्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : hindu

Name of the Book is : Moksha Shastra | This Book is written by Nathuram Premi | To Read and Download More Books written by Nathuram Premi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 7.2 MB | This Book has 202 Pages | The Download link of the book "Moksha Shastra" is given above, you can downlaod Moksha Shastra from the above link for free | Moksha Shastra is posted under following categories hindu |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 7.2 MB
कुल पृष्ठ : 202

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प्रस्तावना ।
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तत्त्वार्थसूत्र जिसका असली नाम मोक्षशास्त्र है हग लोगोंका परम पूजनीय और मान्य । | ग्रंथ है । इसे प्रत्येक जैनी पढ़ना पढ़ाना सुनना अपना परम धर्म समझते हैं । इसके एक ॥
बारके पाठ मात्रसे, एक उपवासका फल होता है । यह ग्रंथ जैसा उपयोगी है और इरा III जैनधर्मका अटूट समुद्र भरकर जो ‘गागरगें सागरकी' कहावत सिद्ध की गई है, उसके फहनेकी कोई जरूरत नहीं है। इसमें करणानुयोग, चरणानुयोग और द्रव्यानुयोगका वर्णन बड़ी ||
गंभीरतासे किया है। इसकारण श्रीसमन्तभद्रादि बड़े २ आचार्य ने संस्कृत भाष्य और | संस्कृत टीकायें रचकर बड़े विखारसे इसका गंभीराशय खोला है। देशभापागें भी जयपुरके। विद्वद्वर्य पं० जयचंद्रजी आदिने सर्वार्थसिद्धि वगैरह संस्कृत टीकाकी बचनिका लिखी है, परंतु अभीतक इसकी कोई ऐसी टीका छपकर प्रकाशित नहीं हुई, जो पढ़नेवाले विद्यार्थियों || तथा सर्वसाधारण जेनी भाइयोंकी समझमें सहज ही आ जावे तथा विद्यार्थियों के लिये भी | पठनक्रमानुसार ऐसी कोई टीका बनी वा छपी नहीं हैं। इसकारण हमने इस त्रुटिकी पूर्तिकेलिये यह भापाटीका तैयार की है। यह टीका गादोंके दशलक्षण पर्बके दिनोंमें बचनेके लिये भी बड़ी उपयोगी होगी । क्योंकि साधारण माई भी इससे सूत्रोंका अर्थ बांचकर सबको

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