नव विधान | Nav Vidhan

नव विधान | Nav Vidhan

नव विधान | Nav Vidhan

नव विधान | Nav Vidhan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : नव विधान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Saratchandra Chatterjee | Saratchandra Chatterjee की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 11.8 MB है | पुस्तक में कुल 124 पृष्ठ हैं |नीचे नव विधान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नव विधान पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Nav Vidhan | This Book is written by Saratchandra Chatterjee | To Read and Download More Books written by Saratchandra Chatterjee in Hindi, Please Click : | The size of this book is 11.8 MB | This Book has 124 Pages | The Download link of the book "Nav Vidhan" is given above, you can downlaod Nav Vidhan from the above link for free | Nav Vidhan is posted under following categories Stories, Novels & Plays |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 11.8 MB
कुल पृष्ठ : 124

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शैलेश से यह छिपा न रहा कि मित्रों ने तिबारा व्याह करने के उसके प्रस्ताव का अनुमोदन तो किया नहीं ; बल्कि मैन तिरस्कार के द्वारा वे धिक्कार भी दे गये। एक तरफ़ जैसे वह बेहद खिझलाहट से हुँझला उठा था, वैसे ही दूसरी तरफ़ लज्जा के मारे व्याकुल हो रहा था। मानो उसे मुँह दिखाना भारू हो उठा। अठारह वर्ष की उमर में शैलेश का पहला ब्याह हुआ था। उस समय उसकी स्त्री उषा केवल ग्यारह साल की थी।

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