नियमसार | Niyamasar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : नियमसार है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Brahmchari Sheetal Prasad Ji | Shri Brahmchari Sheetal Prasad Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Brahmchari Sheetal Prasad Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 10 MB है | पुस्तक में कुल 421 पृष्ठ हैं |नीचे नियमसार का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नियमसार पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Niyamasar | This Book is written by Shri Brahmchari Sheetal Prasad Ji | To Read and Download More Books written by Shri Brahmchari Sheetal Prasad Ji in Hindi, Please Click : Shri Brahmchari Sheetal Prasad Ji | The size of this book is 10 MB | This Book has 421 Pages | The Download link of the book "Niyamasar" is given above, you can downlaod Niyamasar from the above link for free | Niyamasar is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
हे परमात्मन, आपके होते होते मैं किस प्रकार से मेरे ही ऐसे अर्थात संसारी जीवों सहश जो मोह में मुग्ध और काम देव के अधीन है ऐसे ब्रह्मा, विष्णु, महेश, और बुद्ध देवो को भेज सकता हूँ, इसलिए मैं जिनेन्द्र सूर्य को नमस्कार करता हूँ | कैसे है प्रभु ? जिन्होंने सूर्य को जीत लिया है जो मोक्ष मार्ग के नेता है