परमपिता से प्रार्थना : स्वामी रामसुखदास | Parampita Se Prarthana : Swami Ramsukhadas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : परमपिता से प्रार्थना है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Swami Ramsukh Das Ji | Swami Ramsukh Das Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Swami Ramsukh Das Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 5.0 MB है | पुस्तक में कुल 8 पृष्ठ हैं |नीचे परमपिता से प्रार्थना का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | परमपिता से प्रार्थना पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu
Name of the Book is : Parampita Se Prarthana | This Book is written by Swami Ramsukh Das Ji | To Read and Download More Books written by Swami Ramsukh Das Ji in Hindi, Please Click : Swami Ramsukh Das Ji | The size of this book is 5.0 MB | This Book has 8 Pages | The Download link of the book "Parampita Se Prarthana" is given above, you can downlaod Parampita Se Prarthana from the above link for free | Parampita Se Prarthana is posted under following categories dharm, hindu |
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| हम अयोग्य हैं। जो अयोग्य होते हैं, वे ही। आपकी कृयाके अधिकारी होते हैं। जो योग्य हैं, वे कृपाको चाहना क्यों करेंगे? वे अपना काम खुद कर लेंगे। परन्तु हमारेसे ऐसा नहीं होगा। आप ही कृपा करके अपनी निर्भरा भक्ति दीजिये। निर्भरा भक्ति पाकर हम कृतार्थ हो जायेंगे आपके चरणोंकी निर्भर भक्ति मिल जाय तो फिर 'कामादि दोबसे रहित कीजिये-ऐसा कहनेकी जरूरत ही नहीं। हमारे मनमें तो आती हैं कि आपको कुछ नहीं कहे।
आप सब जानते हो। आपसे अपरिचित कुछ नहीं है। हम आपकी जानकारी हैं। आप जानते हो कि हम कैसे हैं। हम जैसे भी हैं, आपके ही हैं।