परलोक विज्ञान : अरुण कुमार शर्मा हिंदी पुस्तक मुफ्त पीडीऍफ़ डाउनलोड | Parlok Vigyan By Arun Kumar Sharma Hindi Book Free PDF Download

परलोक विज्ञान : अरुण कुमार शर्मा | Parlok Vigyan : Arun Kumar Sharma

परलोक विज्ञान : अरुण कुमार शर्मा | Parlok Vigyan : Arun Kumar Sharma

परलोक विज्ञान : अरुण कुमार शर्मा | Parlok Vigyan : Arun Kumar Sharma के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : परलोक विज्ञान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arun kumar sharma | Arun kumar sharma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 22.8 MB है | पुस्तक में कुल 408 पृष्ठ हैं |नीचे परलोक विज्ञान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | परलोक विज्ञान पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, jyotish, manovigyan, science

Name of the Book is : Parlok Vigyan | This Book is written by Arun kumar sharma | To Read and Download More Books written by Arun kumar sharma in Hindi, Please Click : | The size of this book is 22.8 MB | This Book has 408 Pages | The Download link of the book "Parlok Vigyan" is given above, you can downlaod Parlok Vigyan from the above link for free | Parlok Vigyan is posted under following categories Knowledge, jyotish, manovigyan, science |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 22.8 MB
कुल पृष्ठ : 408

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लेखक परिचय अरुण कुमार शर्मा एक ऐसे व्यक्ति का नाम है जिनकी
लेखनीं पिछले पचास वर्षों से अनवरत गतिशील हैं। ८ अरुण कुमार शर्मा एक ऐसे चिन्तक और विचारक का
नाम है, जिन्होंने अपने गहन गम्भीर चिन्तन मनन द्वारा भारतीय गह्य विद्याओं और उनके आध्यात्मिक तत्वों के अन्तराल में प्रवेश कर उनके विषय में अपने मालिक विचारों को व्यक्त किया है। अरुण कुमार शर्मा एक ऐसे सत्यान्चेषी व्यक्ति का नाम है, जिन्होंने योग तंत्र में निहित रहस्यमय सत्यों से परिचित होने के लिए प्रच्छन्न अप्रच्छन्न भाव से विचरण और निवास करने वाले सिद्ध सन्त महात्माओं और योगी साधकों की खोज में सम्पूर्ण भारत की ही नहीं बल्कि हिमालय और तिब्बत के दुर्गम स्थानों की जीवन मरण दायिनी हिम यात्रा की है। अरुण कुमार शर्मा एक ऐसे साहित्यकार का नाम है, जिन्होंने अपनी सशक्त आध्यात्मिक और दार्शनिक कृतियों से संबंधित समकालीनों को सैकड़ों मील पीछे छोड़ दिया है। विलक्षण प्राञ्जल भाषा, मनोहारी शिल्प आत्मशाही शब्द सज़ा और आकर्षक प्रस्तुति करण उनकी कृतियों का विशेषण है। हजारों पंक्तियों के बीच उनकी पंक्ति को पहचान लेना प्रत्येक वर्ग के पाठकों के लिए सरल और सहज है। और यही वह तथ्य है जो अरूण कुमार शर्मा को अरूण कुमार शर्मा बनाता है।
-सागर शर्मा

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11 Comments

  1. कृपा करके अरुण कुमार शर्मा की अन्य पुस्तके उपलब्ध करवाइए

    • जी अमित कुमार जी | इस माह के अंत तक आपको अरुण जी की अन्य पुस्तकें वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएँगी |

  2. अरुण कुमार शर्मा जी की पुस्तक मारणपात्र,वक्रेश्र्वरी की भैरवी, परलोक रहस्य डाउनलोड नहीं हो रही है

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