पश्चिमी चालुक्य काल | Pashchimi Chalukya Kaal

पश्चिमी चालुक्य काल | Pashchimi Chalukya Kaal

पश्चिमी चालुक्य काल | Pashchimi Chalukya Kaal के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पश्चिमी चालुक्य काल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.8 MB है | पुस्तक में कुल 53 पृष्ठ हैं |नीचे पश्चिमी चालुक्य काल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पश्चिमी चालुक्य काल पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, history

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पुस्तक का साइज : 1.8 MB
कुल पृष्ठ : 53

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राष्ट्रकूट वंश के राजा कक्कल को परास्त करके पश्चिमी चालुक्य राजा तैलपदेव द्वितीय ने सन ८७३ ई० में चालुक्य-साम्राज्य-लक्ष्मी को पुन: प्राप्त किया। यह चालुक्य राजागन भी अपने पूर्वजों की भांति
जैन धर्म के संरक्षक और अनुदायी थे। उनके पड़ोसी गंग-होयसल आदि राजवंशो के नृपगन भी जैन धर्मानुयायी थे।

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