प्रथम किरण | Pratham Kiran

प्रथम किरण | Pratham Kiran

प्रथम किरण | Pratham Kiran के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : प्रथम किरण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rameshvar | Rameshvar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.7 MB है | पुस्तक में कुल 98 पृष्ठ हैं |नीचे प्रथम किरण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रथम किरण पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Pratham Kiran | This Book is written by Rameshvar | To Read and Download More Books written by Rameshvar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.7 MB | This Book has 98 Pages | The Download link of the book "Pratham Kiran" is given above, you can downlaod Pratham Kiran from the above link for free | Pratham Kiran is posted under following categories Poetry |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 1.7 MB
कुल पृष्ठ : 98

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चिर अभावमय है यह जीवन !ये अथाह जल-सिन्धु पृथर्मिल यह भूगोल, खगोल, चराचर , हास - अश्रु, ये जन्म-मरण जिसके हैं अनुचर आलोक - तिमिर उस ईश्वर की फैली देख सकते भूतल पर सृष्टि मनोहर मुग्ध हुआ मैं कब मनमोहक शोभा से निज आँखें भर-भर ! कब गद्गद हो मैंने दो क्षण नेत्र पूँद, हो रोमाञ्चित-तनःमंगलमय प्रभु का अन्तर में किया आत्म-विस्मृत हो पूजन ! चिर अभावमय है यह कत्र लपका मैं हो स्नेहाकुल जीवन जीर्ण पात्र कर में ले निर्धन , सतत टेरता उसकी महिमा विखरात पथ पर आँसू-कण ! चिर उन्मुक्त द्वार पर उसके कव फैला जर्जर निज अंचलविलख विलख, उन मृदु चरणों में उलझ उलझ रोवो रज से सन !

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