प्रेम और प्रेमी | Prem Aur Premi

प्रेम और प्रेमी | Prem Aur Premi

प्रेम और प्रेमी | Prem Aur Premi

प्रेम और प्रेमी | Prem Aur Premi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : प्रेम और प्रेमी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Hanumaan Poddar | Hanumaan Poddar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 355.7 KB है | पुस्तक में कुल 168 पृष्ठ हैं |नीचे प्रेम और प्रेमी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रेम और प्रेमी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge

Name of the Book is : Prem Aur Premi | This Book is written by Hanumaan Poddar | To Read and Download More Books written by Hanumaan Poddar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 355.7 KB | This Book has 168 Pages | The Download link of the book "Prem Aur Premi" is given above, you can downlaod Prem Aur Premi from the above link for free | Prem Aur Premi is posted under following categories Knowledge |

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पुस्तक का साइज : 355.7 KB
कुल पृष्ठ : 168

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भारतीय संस्कृतिके उन्नायकों में अनेक नि:स्पृह संत, भक्त, जनसेवक, कवि, लेखक, देशभक्त, कर्मयोगी, ज्ञानी, संन्यासी और जीवन्मुक्त मनीषी हुए हैं, किन्तु ऐसे विरले पुरुष हुए हैं जिनमें ये सभी गुण एक साथ प्रादुर्भूत हुए हों। भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार ऐसे ही महापुरुष थे जिनके कार्योंने भारतीय संस्कृतिके प्रवाहको दिशा दी और उसकी अमिट छाप युगोंतक रहेगी। वे गृहस्थ होकर भी अजातशत्रु रहे और उनका सारा जीवन, उनके विचार, उनके कर्म और आदर्श एक ऐसे जीवन्मुक्त संतके रहे हैं जिसने जीवनको लोकाराधन और अपने सर्वस्वको भगवान्में सर्वथा विलीन कर दिया तथा जिसका निजका कोई कर्तव्य शेष नहीं रहा।

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