रैदास जी की बानी (जीवन-चरित्र) | Raidas Ji Ki Bani (Jivan Charitra)

रैदास जी की बानी (जीवन-चरित्र) | Raidas Ji Ki Bani (Jivan Charitra)

रैदास जी की बानी (जीवन-चरित्र) | Raidas Ji Ki Bani (Jivan Charitra) के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : रैदास जी की बानी (जीवन-चरित्र) है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 16.4 MB है | पुस्तक में कुल 48 पृष्ठ हैं |नीचे रैदास जी की बानी (जीवन-चरित्र) का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | रैदास जी की बानी (जीवन-चरित्र) पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography

Name of the Book is : Raidas Ji Ki Bani (Jivan Charitra) | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 16.4 MB | This Book has 48 Pages | The Download link of the book "Raidas Ji Ki Bani (Jivan Charitra)" is given above, you can downlaod Raidas Ji Ki Bani (Jivan Charitra) from the above link for free | Raidas Ji Ki Bani (Jivan Charitra) is posted under following categories Biography |

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पुस्तक का साइज : 16.4 MB
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उससे एक धर्मशाला और शंदिर भी बनवाया जिसमें पूजा करने को बाम्हन रक्खे यह हालत देख कर पंडितों को जलन पैदा हुई और राजा के यहाँ शिकायत की कि यह चमार होकर बाम्हनों को तुचर बनाये हुए है जिसका उसे अधिकार नहीं है इसलिये
दंड का भागी है। राजा ने रैदास जी को बुलाकर हाल पूछा और उनके बचन से ऐसा प्रसन्न हुआ कि दंड देने के बदले बड़ा आदर किया।

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