ऋग्वेद भाग – ३ | Rigveda Part -3 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : ऋग्वेद भाग – ३ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pt. Shriram Sharma | Pt. Shriram Sharma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Pt. Shriram Sharma | इस पुस्तक का कुल साइज 112.2 MB है | पुस्तक में कुल 486 पृष्ठ हैं |नीचे ऋग्वेद भाग – ३ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ऋग्वेद भाग – ३ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Rigveda Part -3 | This Book is written by Pt. Shriram Sharma | To Read and Download More Books written by Pt. Shriram Sharma in Hindi, Please Click : Pt. Shriram Sharma | The size of this book is 112.2 MB | This Book has 486 Pages | The Download link of the book "Rigveda Part -3" is given above, you can downlaod Rigveda Part -3 from the above link for free | Rigveda Part -3 is posted under following categories dharm |
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श्र४ सारथि आगे योजित अश्वों को मनोनुकूल चलाता है रस्सियाँ भी इच्छानुसार अश्वों के कण्ठ तक जाकर उन्हें आगे-पीछे चलाती हैं। उन रस्सियों का यश वर्णन करो ॥६॥ रथ के सहित वेग पूर्वक गमन करते हुए अश्व धूल उड़ाने का शब्द करते हैं,वे पीछे न हट कर शत्रुओं को रोंद डालते हैं ॥७॥ हव्य जैसे अग्नि को प्रवृद्ध करता है, वैसे रथ द्वारा वहन किया जाता धन इस राजा को बढ़ाये । इस राजा के शस्त्रास्त्र जिस रथ पर रहते हैं, हम उस रथके समीप प्रसन्नता पूर्वक |