समुद्र तट पर | Samudra Tat Par

समुद्र तट पर : ओ वी विजयन | Samudra Tat Par : O V Vijayan

समुद्र तट पर : ओ वी विजयन | Samudra Tat Par : O V Vijayan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : समुद्र तट पर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vijayan | Vijayan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1 MB है | पुस्तक में कुल 21 पृष्ठ हैं |नीचे समुद्र तट पर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | समुद्र तट पर पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Samudra Tat Par | This Book is written by Vijayan | To Read and Download More Books written by Vijayan in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1 MB | This Book has 21 Pages | The Download link of the book "Samudra Tat Par" is given above, you can downlaod Samudra Tat Par from the above link for free | Samudra Tat Par is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 1 MB
कुल पृष्ठ : 21

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वेलायी अप्पन आगे बढ़े। आगे जाकर पगडॅडी कच्ची सड़क से मिल गई थी। फिर कच्ची सड़क नदी में जा उतरती थी । वेलायी-अप्पन, नदी में उतर गये । उसकी विशालता को देख, उनका दिल भर आया ।
उन्हें वह दिन याद आया जब उन्होंने इसी नदी में, अपने पिता के शव को नहलाया था । और जब उनके बेटे ने इसी नदी की लहरों में, पहली बार तैरना सीखा था । ये सब याद कर, उनकी आँखें गीली हो गई ।।
थोड़ी देर के लिए वे नदी-किनारे रूक गये ।।

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