सन्जीवन खण्ड काव्य | Sanjeevan Khand Kavya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : सन्जीवन खण्ड काव्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ramakant Shukla | Ramakant Shukla की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ramakant Shukla | इस पुस्तक का कुल साइज 14.3 MB है | पुस्तक में कुल 137 पृष्ठ हैं |नीचे सन्जीवन खण्ड काव्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सन्जीवन खण्ड काव्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Sanjeevan Khand Kavya | This Book is written by Ramakant Shukla | To Read and Download More Books written by Ramakant Shukla in Hindi, Please Click : Ramakant Shukla | The size of this book is 14.3 MB | This Book has 137 Pages | The Download link of the book "Sanjeevan Khand Kavya" is given above, you can downlaod Sanjeevan Khand Kavya from the above link for free | Sanjeevan Khand Kavya is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
संजीवन के लिखने की प्रेरणा बातों बातों में ही मिली दयानंद सुभाष नेशनल कालेज के प्राध्यापक पं० माताप्रसाद मिश्र के घर में उनकी दी हुई कथा-वस्तु तथा वहीं के प्राध्यापक श्री रायबहादुर पाण्डेय से उत्साह की तीव्रता लेकर लौटा तो तेजी से लिखना प्रारम्भ कर दिया बस फिर कभी तेज कभी सुस्त चाल से चलते चलते संजीवन के पाँच सर्ग पूरे हो चुके थे । प्रकाशन की इच्छा हुई तो दूसरी दिशा से प्रोत्साहन प्राप्त हुआ । अंशु प्रकाशन के संचालक श्री सच्चिदानन्द बाजपेयी ने इसे छाप देने का आश्वासन दिया तैयारियां कुछ होने को थी ही नहीं ।