सर्वोदय तत्त्व-दर्शन | Sarvoday Tattva-Darshan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : सर्वोदय तत्त्व-दर्शन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gopinath Dhavan | Gopinath Dhavan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Gopinath Dhavan | इस पुस्तक का कुल साइज 17.9 MB है | पुस्तक में कुल 411 पृष्ठ हैं |नीचे सर्वोदय तत्त्व-दर्शन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सर्वोदय तत्त्व-दर्शन पुस्तक की श्रेणियां हैं : Social
Name of the Book is : Sarvoday Tattva-Darshan | This Book is written by Gopinath Dhavan | To Read and Download More Books written by Gopinath Dhavan in Hindi, Please Click : Gopinath Dhavan | The size of this book is 17.9 MB | This Book has 411 Pages | The Download link of the book "Sarvoday Tattva-Darshan " is given above, you can downlaod Sarvoday Tattva-Darshan from the above link for free | Sarvoday Tattva-Darshan is posted under following categories Social |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
महाभारत प्रत्यक्ष रूपसे भी अहिंसाके पक्षमें है। वास्तवमें महाभारतके । समय तक अहिंसा परम कर्तव्य मान ली गई थी। व्यासने महाभारतके अने| स्थलों पर सत्य, अहिंसा और दूसरे अहिंसात्मक आदशकी महत्ताका उल्लेख किया है। घायल भीष्मने युधिष्ठिरको अहिंसाका महत्व इन शब्दोंमें बताया। है : " अहिंसा सर्वश्रेष्ठ धर्म है। वह उच्चतम तप भी हैं। वह परम सत्य भी है,जो सव कर्तव्यों का स्रोत है।" शांतिपर्वमें कपिलने ब्रह्मप्राप्तिके उपाय बतलाये हैं --- दया, क्षमा, शांति, अहिंसा, सत्य, सरलता, अद्रोह होना, अहंकारका अभाव, नम्रता और सहनशीलता।' वनपर्वमें कहा गया है कि, " कठोर और नग्न दोनों समान रूपसे नग्नके समक्ष झुक जाते हैं।