शक्ति संगम तंत्र (सुंदरी खंड) | Shakti Sangam Tantra (Sundari Khand)

शक्ति संगम तंत्र सुंदरी खंड | Shakti Sangam Tantra Sundari Khand

शक्ति संगम तंत्र सुंदरी खंड | Shakti Sangam Tantra Sundari Khand के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : शक्ति संगम तंत्र (सुंदरी खंड) है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 03.2 MB है | पुस्तक में कुल 199 पृष्ठ हैं |नीचे शक्ति संगम तंत्र (सुंदरी खंड) का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | शक्ति संगम तंत्र (सुंदरी खंड) पुस्तक की श्रेणियां हैं : jyotish

Name of the Book is : Shakti Sangam Tantra (Sundari Khand) | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 03.2 MB | This Book has 199 Pages | The Download link of the book "Shakti Sangam Tantra (Sundari Khand)" is given above, you can downlaod Shakti Sangam Tantra (Sundari Khand) from the above link for free | Shakti Sangam Tantra (Sundari Khand) is posted under following categories jyotish |


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पुस्तक का साइज : 03.2 MB
कुल पृष्ठ : 199

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तदनन्तर पडाम्नाय को प्रस्तार-गणना देकर मेर-प्रस्तार, कैलास प्रस्तार और रत्न-गर्म इन तीन प्रस्तारों को विशेषता बताते हुए गुरु, देवता, मन्त्र और स्वादमा इन चारों को ऐक्य-भावना की महत्व प्रतिपादित किया गया है फिर थोप्रासाद-परा और श्रीपरा-प्रासाद मन्त्रों का पारायण-क्रम देकर यह बताया है कि पूर्णाभिषेक-दीक्षा होने पर नाम-पारायण, मन्त्र-पारायण और नाड़ी-पारायण आदि के करने का अधिकार मिलता है ।

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