श्रीराम कथा | Shri Ram Katha के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : श्रीराम कथा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Ramsharma Acharya | Shri Ramsharma Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Ramsharma Acharya | इस पुस्तक का कुल साइज 4.3 MB है | पुस्तक में कुल 137 पृष्ठ हैं |नीचे श्रीराम कथा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रीराम कथा पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Shri Ram Katha | This Book is written by Shri Ramsharma Acharya | To Read and Download More Books written by Shri Ramsharma Acharya in Hindi, Please Click : Shri Ramsharma Acharya | The size of this book is 4.3 MB | This Book has 137 Pages | The Download link of the book "Shri Ram Katha " is given above, you can downlaod Shri Ram Katha from the above link for free | Shri Ram Katha is posted under following categories dharm |
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गुणों की तुलना अन्न से तथा दोषों की तुलना बेकाम के घास-पात से की गई है। अन्न को पूरा रस मिले इसलिए उनके आस-पास उगे घास-पात उच्छवाड़ दिए जाते हैं, उसी प्रकार दोषों का उन्मूलन करते रहने से गुण पुष्ट होते हैं। ऊसर बरषद् तृन नहिं जामा। जिमि हरिजन हियँ उपज न कामा॥ अनुपजाऊ भूमि में वर्षा होती है, पर वहाँ घास तक नहीं उगती, जैसे हरिभक्त के हृदय में काम नहीं उत्पन्न होता। भक्त की मनोभूमि ही ऐसी बन जाती है कि वहाँ विकार के बीज आ पड़े तो भी पनप नठीं सकते।