भक्ति रहस्य | Bhakti Rahasya

भक्ति रहस्य | Bhakti Rahasya

भक्ति रहस्य | Bhakti Rahasya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भक्ति रहस्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.8 MB है | पुस्तक में कुल 179 पृष्ठ हैं |नीचे भक्ति रहस्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भक्ति रहस्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu

Name of the Book is : Bhakti Rahasya | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.8 MB | This Book has 179 Pages | The Download link of the book "Bhakti Rahasya" is given above, you can downlaod Bhakti Rahasya from the above link for free | Bhakti Rahasya is posted under following categories dharm, hindu |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 2.8 MB
कुल पृष्ठ : 179

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

मैं तुमसे एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ मेरे प्यारे आत्मा, तुमसे एक प्रश्न पृङना चाहता हूँ। क्या अतीतकी घटनाये तुम्हारे स्मृति-पट पर छा जाती हैं और तुम उन्हें स्मरण परके शोकमग्न हो गया करते हो ? निश्चय समझो, तुम्हारे शरीरको न, मनको भूत लग गया है । तुम जप रोते हो, भूताबेशमें ही रोते हो। अच्छा, और। क्या तुम अपने भविष्यकी कल्पना परके भयले फाँप उठते हो ? मित्र, अवश्य ही तुम उस समय स्वप्न देखते होते हो और तुम्हारे पैर आवश्यकतासे अधिक भागे-पीछे मरफ गये होते हैं । प्यारे, तुम अपनी प्रिय वस्तु और व्यक्तियों को, जो वर्तमानमें तुम्हारे साथ हैं, भविष्यमें भी अपने माथे । अपने के लिये व्याकुल हो ? विश्वास मरो, एसीका नाम मोद और मूढ़ता है । यह शोक, भय और मोहसे ग्रस्त एव रन्त्रिस्त जीवन तयो मन ही तुम्हें अस्त-व्यस्त बना रहा है ।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.