श्री याज्ञवल्क्य मैत्री संवाद हिंदी पुस्तक | Shri Yagyavalkya Maitree Samvad Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : श्री याज्ञवल्क्य मैत्री संवाद है | इस पुस्तक के लेखक हैं : | की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.9 MB है | पुस्तक में कुल 64 पृष्ठ हैं |नीचे श्री याज्ञवल्क्य मैत्री संवाद का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्री याज्ञवल्क्य मैत्री संवाद पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu
Name of the Book is : Shri Yagyavalkya Maitree Samvad | This Book is written by | To Read and Download More Books written by in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.9 MB | This Book has 64 Pages | The Download link of the book "Shri Yagyavalkya Maitree Samvad" is given above, you can downlaod Shri Yagyavalkya Maitree Samvad from the above link for free | Shri Yagyavalkya Maitree Samvad is posted under following categories dharm, hindu |
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शरीर सब मिट्टी के खिलौने की तरह जड़ हैं, वे चैतन्य शक्ति करके चैतन्य हो रहे हैं, उसी की कृपादृष्टि करके रंक कुबेर हो जाता है, और एक दीन दुःखी प्रजा, चक्र वर्ती महाराज हो जाता है, और जब परमात्मा अपनी शक्ति उठा लेता है, तब चक्रवर्ती महाराजा कारागार में पड़ जाता और धनाढ्य द्वार द्वार भीख मांगता फिरता हैं, हे पाठकजनो ! हे मित्रगणो ! इस उमाकृत उपदेश पर ध्यान देकर चलो इसमें तुम्हारा कल्याण है.
हे मैत्री ! परमात्मा की विभूति जो विचित्र माया करके उत्पन्न होकर स्थित है, उसका अन्त नहीं, जितनाही उसके अभ्यन्तर प्रवेश करो, उतनाही वह दुर्विज्ञेय होती जाती है, जितनेही उसके कार्य की सूक्ष्मता ब्रह्म से सम्बन्ध रखती हैं, उतनेही आश्चर्य और अद्भुत चरित्र देखने में आते हैं, हे मैत्री ! तुम को याद दिलाता हूं कि एक बार हम तुम दोनों इस |वन से निकल कर बाहर गये थे, वसन्त ऋतु अपनी चमत्कारी दिखा रही थी, चारों तरफ़ फूल फूल रहे थे, हर एक अंग में अनंग अपनी शोभा दिखा रहा था, एकाएक तुम्हारी हमारी अखें सामने के मैदान में जापड़ी तो क्या देखा कि दो राजाओं की सेना जीत की अभिलाषा में उमंग होते हुए अपनी अपनी सेना लिये हुए खड़े हैं, सिपाही ऐसे खड़े हैं मानों घटा छा गई है, हाथियों की लाइन ऐसी बँधी है मानों काले पहाड़ खड़े हुए हैं,