Shriram Krishna Kavya – श्रीराम कृष्णा काव्य

Shriram Krishna Kavya – श्रीराम कृष्णा काव्य

Shriram Krishna Kavya – श्रीराम कृष्णा काव्य के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्रीराम कृष्ण काव्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rishikesh chaturvedi | Rishikesh chaturvedi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 11.9 MB है | पुस्तक में कुल 61 पृष्ठ हैं |नीचे श्रीराम कृष्ण काव्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रीराम कृष्ण काव्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : hindu, india, others, Poetry

Name of the Book is : Shriram Krishna Kavya | This Book is written by Rishikesh chaturvedi | To Read and Download More Books written by Rishikesh chaturvedi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 11.9 MB | This Book has 61 Pages | The Download link of the book "Shriram Krishna Kavya" is given above, you can downlaod Shriram Krishna Kavya from the above link for free | Shriram Krishna Kavya is posted under following categories hindu, india, others, Poetry |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : , , ,
पुस्तक का साइज : 11.9 MB
कुल पृष्ठ : 61

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

सराई सीयइ आनन-चार । स-तीस राही-बरि रामुहि सीय ॥११॥
भायार्थ-श्री सीताजी को चारबुख बाले ब्रह्मा जी सराहते हैं। श्री जानकी जी औराम जी को सन्तोष-सहित बर रही हैं।
पिता, बस इार, दिआ वन-दान । दयानिघ ने बन कौन पायान ||१२||
पमान यांग | भाचार्थ-पिता (राजा दशरथ जी) ने अपना यश फैकेयी को हार कर, अर्थान कैकेयी के बश में होकर राम जी को बनदान दिया। अत:, दयानिधि श्रीराम जी ने वन की प्रयाय |

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *