स्वप्नप्रकाशिका | Swapna Prakashika के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : स्वप्नप्रकाशिका है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 51.0 MB है | पुस्तक में कुल 18 पृष्ठ हैं |नीचे स्वप्नप्रकाशिका का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | स्वप्नप्रकाशिका पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Swapna Prakashika | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 51.0 MB | This Book has 18 Pages | The Download link of the book "Swapna Prakashika" is given above, you can downlaod Swapna Prakashika from the above link for free | Swapna Prakashika is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
-जिसकी देह नेकभी स्पर्श करनेसै फसजावे और घाव दोजावे वो मनुष्य कुष्करके मरण पाताहै। यह जाग्रत अवस्था| में जानना और यही मनुष्य स्वप्नमें नग्नहो घृतको देहमें लगावे और ज्वालारहित अग्निमें हवन करे तथा उसके हृदयमें कमल प्रगट होय वो कुष्ठकरके मरेगा ऐसा जानना |