तब और अब | Tab Aur Aab

तब और अब | Tab Aur Aab

तब और अब | Tab Aur Aab के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : तब और अब है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gurudutta | Gurudutta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 23.17 MB है | पुस्तक में कुल 312 पृष्ठ हैं |नीचे तब और अब का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | तब और अब पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Tab Aur Aab | This Book is written by Gurudutta | To Read and Download More Books written by Gurudutta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 23.17 MB | This Book has 312 Pages | The Download link of the book "Tab Aur Aab" is given above, you can downlaod Tab Aur Aab from the above link for free | Tab Aur Aab is posted under following categories literature, Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 23.17 MB
कुल पृष्ठ : 312

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वसीयत (इच्छापत्र) लाला जी के हस्ताक्षरो से लाला जी के सबसे बड़े लड़के शिवकुमार ने न्यायालय में दाखिल करा दी थी और उसके अनुसार लाला जी की पूर्ण सम्पत्ति को उत्तराधिकारी अपने को घोषित करने की प्रार्थना की थी। न्यायालय ने सब सम्बन्धियो को, जिनकी संख्या पचास से ऊपर थी, एक नोटिस दे दिया था कि वे अमुक तिथि को उपस्थित होकर यह बताए कि क्यो न शिवकुमार द्वारा उपस्थित किए गए इच्छापत्र को ठीक घोषित किया जाए और उसके अनुसार लाला सुलक्षणमल की सम्पत्ति के विभाजन की स्वीकृति दे दी जाए।

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