ठकुरानी | Thakurani

ठकुरानी | Thakurani

ठकुरानी | Thakurani के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : ठकुरानी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Yadvendra Sharma ‘Chandra’ | Yadvendra Sharma ‘Chandra’ की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 5 MB है | पुस्तक में कुल 296 पृष्ठ हैं |नीचे ठकुरानी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ठकुरानी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Thakurani | This Book is written by Yadvendra Sharma ‘Chandra’ | To Read and Download More Books written by Yadvendra Sharma ‘Chandra’ in Hindi, Please Click : | The size of this book is 5 MB | This Book has 296 Pages | The Download link of the book "Thakurani " is given above, you can downlaod Thakurani from the above link for free | Thakurani is posted under following categories Stories, Novels & Plays |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 5 MB
कुल पृष्ठ : 296

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साधूपुर" प्रान्त का अच्छा-खासा ठिकाना था। दस लाख की सालाना आय थो । वहाँ का ठाकुर खीवसिंह अत्यन्त अन्यायी और ऐग्याश था। नगर और अपने अधीन गाँवों से वह गरीबों को सुन्दर बेटियो को कुटनियों द्वारा फुसला-फुसला कर, धमका कर पा उनकी गरीबी का अनुचित लाभ उठाकर अपनी ‘जनानी ड्यौली में मंगवा लेता था और चन्द दिन तक उनकी जवानी का उपभोग करके नारकीय यंत्रणाएँ भोगने के लिये उन्हे बड़े-बड़े बुजों से पिरी अपनी जनानी छ्यौटी में बन्द कर देता था। आजकल उसकी ड्योढ़ी में दो सौ स्त्रियाँ थी । इसके साथ-साथ इधर निरन्तर दो वर्ष से सूखा पड़ रहा पा । सारे निसान चाहते थे कि इस बार का लगान माफ कर दिया जाय, पर खीवसिंह इसके लिये तैयार नहीं था। तब एक सद्भावना मण्डल महाराजा खेतसिहजी से मिला था।

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