वास्तु शास्त्र हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Vaastu Shastra Hindi Book Free Download

वास्तु शास्त्र हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Vaastu Shastra Hindi Book Free Download

वास्तु शास्त्र हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Vaastu Shastra Hindi Book Free Download के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : है | इस पुस्तक के लेखक हैं : | की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 0.11 MB है | पुस्तक में कुल 19 पृष्ठ हैं |नीचे का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu, jyotish

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पुस्तक का साइज : 0.11 MB
कुल पृष्ठ : 19

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ए़४४ 5पजीाव्ए88510 00ा1 शयनागार में पलंग बिछाने के बाद पूरब एवं उत्तर में ज्याद खाली जगह छोडना है। गृहस्थ घर के नैरुति में सोता है तो ईशान्य अथवा आग्नेय हिस्सों में बच्चों को सोने का इन्तजाम करना है । कुछ वास्तु शास्त्रीयों का मत है कि प्रथम सन्तान दक्षिण के कमरे में द्वितीय सन्तान आग्नेय में तृतीय सन्तान पश्चिम में चौथा सन्तान वायुव्य में सोना है । सोते समय सिर दक्षिण की ओर करना श्रेष्ट है । शयनागार दक्षिण पश्चिम उत्तर एवं नैरुति में बना सकते हैं । लेकिन पूरब आग्नेय अथवा ईशान्य में बनाना श्रेयोदायक नहीं होगा । स्नान गृह स्नान गृह घर के वायुव्य अथवा आग्नेय में होना अच्छा होगा। सुविधा न हो तो वास्तु नियमों का पालन करते हुए नैरुति में भी बनासकते हैं । किसी भी हालत में स्नान गृह ईशान्य में नहीं बना सकते । स्नान गृह के कुछ नमूने - न दा ्ण्ण्दा दक्षिण| पश्चिम पश्चिम स्नान गृह वायुव्य में आने से ईशान्य स्नान गृह आग्नेय में आने से पूर्व ईशान्य की की वृद्धि हुई है वृद्धि हुई है पूराने जमाने में स्नान गृह मुख्य घर के बाहर पूर्व आग्नेय अथवा उत्तर वायुव्य में बने जाते थे । स्नानगृह ईशान्य के बजाय कहीं भी वास्तु के नियमों का पालन करते हुए बना ले सकते हैं । लेकिन पानी गरम करने का चूल्हा अन्दर नहीं रखना चाहिए। लेकिन वाटर हीटर रखले सकते हैं। उत्तर मुख द्वार वाले घर के लिए पूर्वी आवरण के पूर्वी आग्नेय में प्रधान गृह को छुए बिना बना सकते हैं । पश्चिम की ओर खाली जगह हो तो पश्चिम प्रहरी से पूरब के प्रधान गृह को लगे बिना बरामदा बनाकर उसमें स्नान गृह बना सकते हैं । उत्तर मुख द्वार गृह के सामने बनाना हो तो उत्तर वायुव्य में बना सकते हैं । लेकिन प्रधान गृह एवं स्नान गृह के बीच की खाली जगह से स्नान गृह तथा पूर्व प्रहरि के बीच को खाली जगह ज्यादा होना चाहिए।। दक्षिण में खाली जगह हो तो दक्षिण प्रहरी से उत्तर की ओर प्रधान गृह को छुए बिना बरामदा बनाकर स्नान गृह बना सकते हैं । स्टोर रूम हमेशा नैरुति में ही बना लेते हैं । अगर सुविधा हो तो पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में भी बना सकते हैं। किसी भी हालत में घर के पूरब और उत्तरी दीवारों को लगा कर नहीं बना सकते। दक्षिण और पश्चिम दीवारों को लगा कर बनाये गये स्टोर रूम के द्वार ईशान्य में रखलेते हैं। स्टोर रूम में खिडकी के बजाय वेंटिलेटर बनालें तो हवा आसान से आ जा सकती है। शेल्फ भी जितने चाहे उतने बनाले सकते हैं । इस कमरे के लिए कोई माप दंड नहीं है। ४ 50 8510 00ा1 % 8510 ८0508 5पा९51 2 ९1 - 0 98481 14778

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4 Comments
  1. Roop Lal says

    Nice books for Hindi reade.

  2. yogesh sharma says

    not even a single link is working…….

    1. Jatin says

      believe me every link is working

  3. Pankaj says

    What about main door entry is not straight, slightly move to upper leftside
    Door is east side

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