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योग के चमत्कार : श्री रामनाथ सुमन | Yog Ke Chamatkar : Shri Ramnath Suman

योग के चमत्कार : श्री रामनाथ सुमन  | Yog Ke Chamatkar : Shri Ramnath Suman

योग के चमत्कार : श्री रामनाथ सुमन | Yog Ke Chamatkar : Shri Ramnath Suman के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : योग के चमत्कार है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Ramnath Suman | Shri Ramnath Suman की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 6.5 MB है | पुस्तक में कुल 229 पृष्ठ हैं |नीचे योग के चमत्कार का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | योग के चमत्कार पुस्तक की श्रेणियां हैं : health, inspirational

Name of the Book is : Yog Ke Chamatkar | This Book is written by Shri Ramnath Suman | To Read and Download More Books written by Shri Ramnath Suman in Hindi, Please Click : | The size of this book is 6.5 MB | This Book has 229 Pages | The Download link of the book "Yog Ke Chamatkar" is given above, you can downlaod Yog Ke Chamatkar from the above link for free | Yog Ke Chamatkar is posted under following categories health, inspirational |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 6.5 MB
कुल पृष्ठ : 229

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योगी–स समय तो मैं तुम्हें इतना ही बता सकता है।
इन विशुद्धानन्दजी की और भी अद्भुत शक्तियाँ देवी गई है। | यह हवा में ताजे अंगूरों का गुच्छा पैदा कर सकते है 'श्रीर शन्य में मिठाइयाँ प्राप्त कर सकते हैं। कोई मृर्शाया दृषा फूल हाथों में लेकर उसे बिल्कुल तरोताजा कर है नफते हैं।
| इन शान्त का रहस्य | ब्रएटन के बार-बार पूछने पर कि श्राप यह पमन्पार कैसे करते हैं, विशुद्धानन्द ने बताया कि यह 'योगाभ्याग' का फल नहीं है; वरन 'नीर-विज्ञान' या 'सूर्य-विज्ञान की जानकारी का | परिणाम है। योग में तो योगी की उम्दा-शक्ति का चिकाम एवं ध्यान के केन्द्रीकरण का अभ्याम करना पड़ता है; पर मार-विज्ञान के अभ्याम में इन गुणों की कोई प्रावश्यकता नहीं है। मारविज्ञान तो कुछ गृढ रहस्यों व मत्या की जानकारी पर निर्भर है
और उनके लिए कोई बहुत ज्ञान की भी जरुरत नहीं है। इसका अध्ययन पश्चिम के भूत-विज्ञान की तरह ही किया जा सकता है। यह विद्युन-विज्ञान में चुम्बकत्य के सिद्धान्त से बहुत मिलतीजुलता है। यह मीर-विज्ञान, जिनका ज्ञान मुझे तिब्बत में हुआ, भारत के लिए नया नहीं है। प्राचीन काल में यह भारत के महान् योगियो को भली भाँति ज्ञात था। किन्तु अब दो-चार को छोड़कर भारत में इसकं ज्ञान का लोप हो गया है। सूर्य की किरणों में जीवनदायी उपकरण मौजूद है । यदि तुम जान लो कि उन उपकरणो का पृथकरण या निर्वाचन किम प्रकार फिया जाता है।

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