मेरे कुछ मौलिक विचार | Mere Kuch Maulik Vichar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मेरे कुछ मौलिक विचार है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Kishoridas Vajpayee | Acharya Kishoridas Vajpayee की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Acharya Kishoridas Vajpayee | इस पुस्तक का कुल साइज 4.6 MB है | पुस्तक में कुल 178 पृष्ठ हैं |नीचे मेरे कुछ मौलिक विचार का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मेरे कुछ मौलिक विचार पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Knowledge
Name of the Book is : Mere Kuch Maulik Vichar | This Book is written by Acharya Kishoridas Vajpayee | To Read and Download More Books written by Acharya Kishoridas Vajpayee in Hindi, Please Click : Acharya Kishoridas Vajpayee | The size of this book is 4.6 MB | This Book has 178 Pages | The Download link of the book "Mere Kuch Maulik Vichar" is given above, you can downlaod Mere Kuch Maulik Vichar from the above link for free | Mere Kuch Maulik Vichar is posted under following categories dharm, Knowledge |
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वाल्मीकि मुनि में साहित्यिक प्रवृत्ति थी। वे कोई ऐसा काय लिखना चाहते थे, जो आदर्श वीरता का प्रेरक हो। इसके लिए उन्हें मुनिवर नारद से प्रेरणा मिली कि राम ही एक आदर्श पुरुष हैं । उन्हें ही काव्य का नायक बनाओ इसके बाद ब्रह्माजी वाल्मीकि से मिले । अह्माजी नाट्य-शास्त्र के अद्याचार्य हैं। उन्होंने ही कदाचित् 'दृश्य काव्य' लिखने की सलाह दी हो; क्योंकि 'श्रव्य काव्य' की अपेक्षा 'दृश्य काव्य' में अधिक प्रेरकता होती है ! अपढ़-कुपढ़ भी दृश्य काव्य (नाटक आदि) में बराबर आनन्द लेते हैं |