विज्ञान-जगत | Vigyan Jagat के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : विज्ञान-जगत है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Devendra Kumar | Devendra Kumar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Devendra Kumar | इस पुस्तक का कुल साइज 3.7 MB है | पुस्तक में कुल 192 पृष्ठ हैं |नीचे विज्ञान-जगत का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | विज्ञान-जगत पुस्तक की श्रेणियां हैं : science
Name of the Book is : Vigyan Jagat | This Book is written by Devendra Kumar | To Read and Download More Books written by Devendra Kumar in Hindi, Please Click : Devendra Kumar | The size of this book is 3.7 MB | This Book has 192 Pages | The Download link of the book "Vigyan Jagat " is given above, you can downlaod Vigyan Jagat from the above link for free | Vigyan Jagat is posted under following categories science |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
इन पृष्ठों में प्रापको वैज्ञानिकों को विधियों और उनके अनेक अविष्कारों के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त होगी । हमारे अाजकल के अविष्कारों के जन्म की कहानी सुनकर आप चकित रह जाएंगे । कारण यह है कि वैज्ञानिकों के विषय में कभीकभी हम ऐसी धारणा बना लेते हैं, मानो वे कोई रहस्यमय लोग है जो विचित्र प्रकार को प्रयोगशाला में, अकेले ही, जादू की छड़ी घुमाकर चमत्कार कर डालते हैं । यह कहानी पढ़ने पर हमें पता चलेगा कि जिन लोगों के आधार पर हमारे अधुनिक आविष्कार हो सके हैं वे प्रायः अनेक व्यतियों के परिश्रम से ही हो सके हैं। हर बड़े अविष्कार या खोज का कहीं वीज या आरम्भबिंदु होता है ।
विज्ञान ने ऋण, धन सम्बरधित सारे क्षेत्रों में बहुत कुछ किया है लेकिन जितना किया है अभी उससे ज्यादा करना बाकी है, जिसमें सबसे बड़ा प्रश्न यह है किसौरमण्डलीय रचना स्वचालित है या संचालित, यदि स्वचालित है तो आधार क्या है और यदि संचालित है तो कैसे।