रामकथा मंदाकिनी | Ramkatha Mandakini के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : रामकथा मंदाकिनी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Ramkinkar Ji Maharaj | Shri Ramkinkar Ji Maharaj की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Ramkinkar Ji Maharaj | इस पुस्तक का कुल साइज 13.2 MB है | पुस्तक में कुल 113 पृष्ठ हैं |नीचे रामकथा मंदाकिनी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | रामकथा मंदाकिनी पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Ramkatha Mandakini | This Book is written by Shri Ramkinkar Ji Maharaj | To Read and Download More Books written by Shri Ramkinkar Ji Maharaj in Hindi, Please Click : Shri Ramkinkar Ji Maharaj | The size of this book is 13.2 MB | This Book has 113 Pages | The Download link of the book "Ramkatha Mandakini " is given above, you can downlaod Ramkatha Mandakini from the above link for free | Ramkatha Mandakini is posted under following categories dharm |
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जन्म से ही होनहार व प्रखर बुद्धि के आप स्वामी रहे हैं। आपकी शिक्षा-दीक्षा जबलपुर व काशी में हुई। स्वभाव से ही अत्यन्त संकोची एवं शान्त प्रकृति के बालक रामकिंकर अपनी अवस्था के बच्चों की अपेक्षा कुछ अधिक गम्भीर थे। एकान्तप्रिय, चिन्तनरत, विलक्षण प्रतिभावाले सरल बालक अपनी शाला में अध्यापकों के भी अत्यन्त प्रिय पात्र थे। बाल्यावस्था से ही आपकी मेधाशक्ति इतनी विकसित थी कि क्लिष्ट एवं गम्भीर लेखन, देश-विदेश का विशद साहित्य अल्पकालीन अध्ययन में ही आपके स्मृति पटल पर अमिट रूप से ऑकित हो जाता था। प्रारम्भ से ही पृष्ठभूमि के रूप में माता एवं पिता के धार्मिक विचार एवं संस्कारों का प्रभाव आप पर पड़ा परन्तु परम्परानुसार पिता के अनुगामी वक्ता बनने का न तो कोई संकल्प था, न कोई अभिरुचि।