निमाड़ी और उसका साहित्य | Nimadi Aur Uska Sahitya

निमाड़ी और उसका साहित्य | Nimadi Aur Uska Sahitya

निमाड़ी और उसका साहित्य | Nimadi Aur Uska Sahitya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : निमाड़ी और उसका साहित्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Krishan Lal Jain | Dr. Krishan Lal Jain की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 20.9 MB है | पुस्तक में कुल 502 पृष्ठ हैं |नीचे निमाड़ी और उसका साहित्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | निमाड़ी और उसका साहित्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Nimadi Aur Uska Sahitya | This Book is written by Dr. Krishan Lal Jain | To Read and Download More Books written by Dr. Krishan Lal Jain in Hindi, Please Click : | The size of this book is 20.9 MB | This Book has 502 Pages | The Download link of the book " Nimadi Aur Uska Sahitya " is given above, you can downlaod Nimadi Aur Uska Sahitya from the above link for free | Nimadi Aur Uska Sahitya is posted under following categories literature |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 20.9 MB
कुल पृष्ठ : 502

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इस भू-भाग का नाम ‘निमाड़, पड़ने के अनेक तर्क उपस्थित किये जाते हैं। कुछ लोग फारसी के 'नीम' शब्द से निमाड़ बनना बतलाते हैं। उनके मतानुसार फारस में 'नीम' का अर्थ 'आधा' है। इस भू-भाग ने नर्मदा नदी का प्राधा भाग अपने अंचल में छिपा रखा है; इसलिये इसे निमाड़ कहते हैं, किन्तु वस्तुस्थिति ऐसी नहीं है। एक तो यह नर्मदा के उद्गम-स्थान की अपेक्षा मुख से अधिक निकट है और दूसरे 'नीम' शब्द के आगे ‘आड़' प्रत्यय कैसे लग गया और किस अर्थ में स्पष्ट नहीं है। अतः यह मत मान्य नहीं है। फोर्सिथ ने भी अपनी सेटलमेण्ट रिपोर्ट में 'निमाड़' नाम पड़ने के इस तर्क का खण्डन किया है। वे 'निमाड़' फारसी नहीं, पर हिन्दू (हिन्दी) शब्द मानते हैं। उन्होंने लिखा है:

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