आखिरी पत्ता : ओ हेनरी हिंदी पुस्तक मुफ्त पीडीऍफ़ डाउनलोड | The Last Leaf : O Henry Hindi Book Free PDF Download

आखिरी पत्ता : ओ हेनरी | The Last Leaf : O Henry

आखिरी पत्ता : ओ हेनरी  | The Last Leaf : O Henry

आखिरी पत्ता : ओ हेनरी | The Last Leaf : O Henry के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : आखिरी पत्ता है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arvind Gupta | Arvind Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 900 KB है | पुस्तक में कुल 14 पृष्ठ हैं |नीचे आखिरी पत्ता का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आखिरी पत्ता पुस्तक की श्रेणियां हैं : inspirational, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : The Last Leaf | This Book is written by Arvind Gupta | To Read and Download More Books written by Arvind Gupta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 900 KB | This Book has 14 Pages | The Download link of the book "The Last Leaf" is given above, you can downlaod The Last Leaf from the above link for free | The Last Leaf is posted under following categories inspirational, Stories, Novels & Plays |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 900 KB
कुल पृष्ठ : 14

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

कुछ ललक जगे। इस भयानक बीमारी के सामने हमारी सभी दवायें फेल हैं। इतने लोग मर रहे हैं कि उन्हें दफनाने के लिए ताबूत कम पड़ रहे हैं। तुम्हारी मित्र ने तो जैसे ठीक न होने की कसम ही खा ली है। उसे क्या कोई निराशा सता रही है।"
यह बात मई के महीने की थी। नवम्बर की ठंड आते ही, एक अजनबी बीमारी—जिसे डाक्टर निमोनिया कहते हैं, ने बस्ती के कई लोगों को अपने बर्फीले हाथों से आ दबोचा। बस्ती के पूर्वी हिस्से में कहर बरपाने के बाद यह बीमारी दबे पांव बस्ती की संकरी, भूलभुलइयों वाली गलियों में भी प्रवेश कर चुकी थी।
कम उम्र की जौन्सी, जिसका खून कैलिफोर्निया की पश्चिमी हवाओं द्वारा पहले ही पतला हो चुका था, इस खूखार बीमारी का शिकार हो गई। जौन्सी बिना हिले-डुले दिन भर अपने पलंग पर पड़ी रहती और खिड़की के बड़े कांच से सामने वाली ईंट के मकान को ताकती रहती थी।
एक दिन डाक्टर ने आकर जौन्सी का मुआइना किया और फिर दरवाज़े के पास हल्की सी आवाज़ में उन्होंने सू से यह शब्द कहे।
"दस में से केवल एक चांस है बचने का।'' उन्होंने थर्मामीटर का पारा झटकते हुए कहा, "वह भी तब, जब उसमें जिंदा रहने की

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *