हेलन केलर की आत्मकथा हिंदी पुस्तक | Autobiography Of Helen Keller Hindi Book

हेलन केलर की आत्मकथा हिंदी पुस्तक | Autobiography Of Helen Keller Hindi Book

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इस पुस्तक का नाम : है | इस पुस्तक के लेखक हैं : | की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.04 MB है | पुस्तक में कुल 30 पृष्ठ हैं |नीचे का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography, children, education

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पुस्तक का साइज : 1.04 MB
कुल पृष्ठ : 30

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मैंने कुछ अन्य संकेत भी सीखे में बहुत सी बातें समझती थी। दु में अपनी मां के कपड़ों को छूकर समझ हक जाती थी कि वो कब बाहर जाएंगी। स्का ही कर रही है। उसे गलत डबलरोटी का एक टुकड़ा चाहिए। है न च्ज्का ५ मैंने देखा कि बाकी लोग संकेतों से नहीं बोलते थे। वो अपने मुंह से बोलते थे। मैंने उनके होठों को छूकर देखा मेरे होठों को छूने के बाद यह बता पाना वो क्या हि सोचती होगी? मैंने थी अपने होंठों को चलाया और अपने हाथों को जोरों से हिलाया - परंतु उसका को नतीजा नहीं निकला। क्या कोशिश कर रही है? जैसे-जैसे मैं बड़ी हुई मेरा गुस्सा थी बढ़ता ही गया। गुस्से में आकर में चीखने-चिल्लाने लगी और हाथ-पैर पटकने लगी। अंत में मैं धक कर पस्त हो गई रद ऐसा नहीं कि मैं हर समय गुस्से में ही रहती थी। में रसोई में जाकर खाना पकाने वाली औरत की खूब मदद करती थी।

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1 Comment
  1. NITESH RAY says

    Nice

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