भारत में अंग्रेजी राज और मार्क्सवाद खंड 1 | Bharat Mein Angrezi Raj Aur Marxvaad Khand 1

भारत में अंग्रेजी राज और मार्क्सवाद खंड 1 | Bharat Mein Angrezi Raj Aur Marxvaad Khand 1

भारत में अंग्रेजी राज और मार्क्सवाद खंड 1 | Bharat Mein Angrezi Raj Aur Marxvaad Khand 1

भारत में अंग्रेजी राज और मार्क्सवाद खंड 1 | Bharat Mein Angrezi Raj Aur Marxvaad Khand 1 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भारत में अंग्रेजी राज और मार्क्सवाद खंड 1 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ramvilas Sharma | Ramvilas Sharma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 15.79 MB है | पुस्तक में कुल 581 पृष्ठ हैं |नीचे भारत में अंग्रेजी राज और मार्क्सवाद खंड 1 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारत में अंग्रेजी राज और मार्क्सवाद खंड 1 पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, education

Name of the Book is : Bharat Mein Angrezi Raj Aur Marxvaad Khand 1 | This Book is written by Ramvilas Sharma | To Read and Download More Books written by Ramvilas Sharma in Hindi, Please Click : | The size of this book is 15.79 MB | This Book has 581 Pages | The Download link of the book "Bharat Mein Angrezi Raj Aur Marxvaad Khand 1" is given above, you can downlaod Bharat Mein Angrezi Raj Aur Marxvaad Khand 1 from the above link for free | Bharat Mein Angrezi Raj Aur Marxvaad Khand 1 is posted under following categories history, education |

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पुस्तक का साइज : 15.79 MB
कुल पृष्ठ : 581

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भारत में अंग्रेजी राज की भूमिका पर विचार करते समय आमतौर से ऐसे प्रश्न नहीं किये जाते किन्तु अंग्रेज़ जो विश्वबाजार कायम कर रहे थे, भारत उसी का एक हिस्सा था। भारत में उन्होंने जो कुछ किया, और भारतीय जनता ने जो कुछ किया, उसका विवेचन विश्वबाज़ारवाली अंग्रेजों की भूमिका को एक तरफ छोड़ते हुए कैसे किया जा सकता है इस पुस्तक के पहले अध्याय में विश्ववाज़ार और इस भूमिका पर ध्यान देते हुए मैंने यथामति इस प्रश्न का उत्तर दिया है कि भारतीय माल ब्रिटिश बाज़ार में बेचनेवाले अंग्रेजु व्यापारी भारतीय बाजार में ब्रिटिश माल बेचने लायक कैसे बन गये।

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