भारतीय अभिलेखों में प्रतिबिम्बित व्यवसायिक समुदायों का अध्ययन | Bharatiy Abhilekhon Me Prtibimbit Vyavsayik Samudayon Ka Adhayayan

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भारतीय अभिलेखों में प्रतिबिम्बित व्यवसायिक समुदायों का अध्ययन | Bharatiy Abhilekhon Me Prtibimbit Vyavsayik Samudayon Ka Adhayayan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भारतीय अभिलेखों में प्रतिबिम्बित व्यवसायिक समुदायों का अध्ययन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Km. Ratna | Km. Ratna की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 23 MB है | पुस्तक में कुल 404 पृष्ठ हैं |नीचे भारतीय अभिलेखों में प्रतिबिम्बित व्यवसायिक समुदायों का अध्ययन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारतीय अभिलेखों में प्रतिबिम्बित व्यवसायिक समुदायों का अध्ययन पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

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पूर्वमध्य काल भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण संकृमण काल माना जाता है । इस काल के दौरान केवल राजनीतिक मंच पर ही उथल पुथल नहीं हुई अपितु सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में कृतिकारी परिवर्तन दृष्टिगत होते हैं । पूर्व-मध्य युगीन प्रमुख घटना सामंतवादी प्रवृत्तियों का उदय होना था। सामंतवाद ने केवल राजनीतिक जीवन को ही प्रभावित नहीं किया साथ ही साथ तत्कालीन सामाजिक आर्थिक जीवन पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा । परिणामस्वरूप जालौकि कान में सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था नया रूप ग्रहण करती है ।

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