दशमहाविद्या | Dasha Mahavidhya

दशमहाविद्या | Dasha Mahavidhya

दशमहाविद्या | Dasha Mahavidhya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : दशमहाविद्या है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Geeta Press | Geeta Press की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 19.6 MB है | पुस्तक में कुल 25 पृष्ठ हैं |नीचे दशमहाविद्या का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दशमहाविद्या पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, gita-press

Name of the Book is : Dasha Mahavidhya | This Book is written by Geeta Press | To Read and Download More Books written by Geeta Press in Hindi, Please Click : | The size of this book is 19.6 MB | This Book has 25 Pages | The Download link of the book "Dasha Mahavidhya " is given above, you can downlaod Dasha Mahavidhya from the above link for free | Dasha Mahavidhya is posted under following categories dharm, gita-press |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 19.6 MB
कुल पृष्ठ : 25

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

दस महाविद्याओंमें काली प्रथम हैं। महाभागवतके अनुसार महाकाली ही मुख्य हैं और उन्हींके उग्र और सौम्य दो रूपों में अनेक रूप धारण करनेवाली दस महाविद्याएँ हैं। विद्यापति भगवान् शिवकी शक्तियाँ ये महाविद्याएँ अनन्त सिद्धियाँ प्रदान करनेमें समर्थ हैं। दार्शनिक दृष्टिसे भी कालतत्त्वकी प्रधानता सर्वोपरि है। इसलिये महाकाली या काली ही समस्त विद्याओंकी आदि हैं अर्थात् उनकी विद्यामय विभूतियाँ ही महाविद्याएँ हैं। ऐसा लगता है कि महाकालकी प्रियतमा काली ही अपने दक्षिण और वाम रूपों में दस महाविद्याओंके नामसे विख्यात हुईं।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.