धुन के धनी | Dhun Ke Dhani

धुन के धनी | Dhun Ke Dhani

धुन के धनी | Dhun Ke Dhani के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : धुन के धनी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Satyadev Vidyalankar | Shri Satyadev Vidyalankar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 23.3 MB है | पुस्तक में कुल 528 पृष्ठ हैं |नीचे धुन के धनी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | धुन के धनी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Granth

Name of the Book is : Dhun Ke Dhani | This Book is written by Shri Satyadev Vidyalankar | To Read and Download More Books written by Shri Satyadev Vidyalankar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 23.3 MB | This Book has 528 Pages | The Download link of the book "Dhun Ke Dhani" is given above, you can downlaod Dhun Ke Dhani from the above link for free | Dhun Ke Dhani is posted under following categories Granth |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 23.3 MB
कुल पृष्ठ : 528

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

भारत की आज़ादी के लिए कोशिश करने वालों के सामने जो-जो समस्याएं आईं उनमें शायद एक सबसे अधिक कठिन समस्या देश के अन्दर नगभग छः सौ छोटी-बड़ी देशी रियासतों की मौजूदगी थी। एक सौ वर्ष से ऊपर तक विदेशी अंग्रेज शासकों ने जिस तरह इन छ: सौ देशी रियासतों और उनके नरेशों का स्वाधीनता के प्रयत्नों को असफल कराने में उपयोग किया उस लम्बी कहानी में जाने का यह स्थान नहीं है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.