ध्वन्यालोक | Dhwanyalok

ध्वन्यालोक : सिद्धान्तशिरोमणि विश्वेश्वर हिंदी पुस्तक | Dhwanyalok : Siddhantshiromani Vishweshwar Hindi Book

ध्वन्यालोक : सिद्धान्तशिरोमणि विश्वेश्वर हिंदी पुस्तक | Dhwanyalok : Siddhantshiromani Vishweshwar Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : ध्वन्यालोक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vishweshwar | Vishweshwar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 11.59 MB है | पुस्तक में कुल 582 पृष्ठ हैं |नीचे ध्वन्यालोक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ध्वन्यालोक पुस्तक की श्रेणियां हैं : education

Name of the Book is : Dhwanyalok | This Book is written by Vishweshwar | To Read and Download More Books written by Vishweshwar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 11.59 MB | This Book has 582 Pages | The Download link of the book "Dhwanyalok" is given above, you can downlaod Dhwanyalok from the above link for free | Dhwanyalok is posted under following categories education |


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पुस्तक का साइज : 11.59 MB
कुल पृष्ठ : 582

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धवनि निरुपण का परयोजन ... परथम कारिका के पदों का पदकृतय । रसधववि के 51घानय न. तथा मरतयकांर की परतिपठा की सूचना । लकषयता पद की लोचन वयासया की शरालोवना । शरनुदनध चनुपटय शरीर उनका शराघार 1 धवसपालोक के शरनुवनध चतुपटय । २ धवनि सिदधानत की भूमिका का २ दवितीय कारिका वी वयाखया में साहितयदरपणकार विशवनाथ की रामति उसका वीज शरौर कारिका की वयासया का वैशिपटय । परतीयमान अरथं की शरनपहमवनीयता ३ परसथ में वाचय शरलडारादि के परतिपादन का शरभाव कार हे वाचय पद की शलदारवोधकता । . १४. परतीयमान शररथ का वाचयवयतिरिकततव का ० ४ परतीयमान शरये के दसतु अलडार शरीर रसादि रूप तीन भेद श श७ शप १६ ० (परथम भेद) वसतु धवनि की वाचयभितता के धोतक पाँच उदाहरएा २० न वाचय शरौर वयजलप के सवरुप भेद परदरशक चार उदाहरण । परथम उदाहरण में विधयवें निरुपए । मीमांसकों की झावदी तथा झारथी भावना । मीमासक मत में परवरतना का विधय- थंरव । परकृत में परतिपरसद की दिवया । चतुरथ उदाहरण की तरिविध वयासया। विपय भेद परक प०चम उदाहरण । पबचम उदाहरण में वाचय तथा वयजय अरथों के विपय भेद का निरुषण । (ढितीप भेद) भरलडवार धवनि की वाचयभिन‍तता का संकेत (तुतीय भेद) रसादि धवनि का चाचपैभिसनतव ही अभिषा दाविति से वयडयवोध का निराकरण । झरभि- हितारवयवाद में भरमिमत तातपरयासया शकति से वयजच-वोध का निराकरण । अनविताभिघानवाद शर वयजचायंवाद । शरमिहितानदयवाद तथा अनवितताभिघानवाद का भेद | वयजघवोधक में उन दोनों को भरकषमता 1 अभिहितानवयवाद तथा भनविताभिधानवाद के परवरतक भटट तथा परभाकर का परिचय । भटट लोललट का रस सिदधानत शरौर उसकी आलोचना । शरनजजय का परतीयभान अरथ विपयक सिदधानत रद रद

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