रवीन्द्रनाथ टैगोर के अमृत वचन हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Golden Words Of Ravindranath Tegor Hindi Book Free Download

रवीन्द्रनाथ टैगोर के अमृत वचन हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Golden Words Of Ravindranath Tegor Hindi Book Free Download

रवीन्द्रनाथ टैगोर के अमृत वचन हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Golden Words Of Ravindranath Tegor Hindi Book Free Download

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पुस्तक का साइज : 0.1 MB
कुल पृष्ठ : 20

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आषाढ़ और सावन का मास मनुष्य के लिए प्रकृति का श्रेष्ठतम वरदान है। इसका प्रसन्नतापूर्वक अभिनंदन प्रत्येक मनुष्य को करना चाहिए। एक बात मैंने जरूर देखी कि मनुष्य बाह्य आइंबर बहुत करता है। ईश्वर की आराधना में भी उसने बाह्य आइंबर को ही अपना रखा है। जाने कितना और आडइंबर हम फैलाएंगे। जब भी मैं नील गगन को देखता था तो मुझे ऐसा भासता था कि आकाश में परियों का मेला लगा है। घण्टों मैं नीलाकाश को निहारा करता। शायद इसीलिए मैं कवि बन गया। लेकिन मेरी कविता तो प्रभु को समर्पित है। बार-बार उद्देश्य परिवर्तन मनुष्य को खोखला कर देता है। मेरे कहने का आशय यह है कि सदैव एक ही पथ पर चलो। वही पथ तुम्हें सब कुछ देगा। हर व्यक्ति के जीवन में संध्या आती है इसलिए मृत्यु का प्यार से आलिंगन करो। सादा जीवन उच्च विचार। यही मानव जीवन की सफलता का राज है। जीवन में आने वाले भयों से डरो मत। सब कुछ परमात्मा पर छोड़ दो। मेरा तो ऐसा ही मानना है। सब उसका मजाक बनाते थे। कोई उसकी सहायता न करता था। लेकिन वह अपनी ही धुन में खोया रहता। जब वह इस तरह से रहने लगा तो सबका ध्यान उस पर से हट गया। इसलिए लोग क्या कहते

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