हिंदी उपन्यास कला | Hindi Upanyas Kala

हिंदी उपन्यास कला | Hindi Upanyas Kala

हिंदी उपन्यास कला | Hindi Upanyas Kala के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हिंदी उपन्यास कला है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.9 MB है | पुस्तक में कुल 180 पृष्ठ हैं |नीचे हिंदी उपन्यास कला का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिंदी उपन्यास कला पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Hindi Upanyas Kala | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.9 MB | This Book has 180 Pages | The Download link of the book "Hindi Upanyas Kala " is given above, you can downlaod Hindi Upanyas Kala from the above link for free | Hindi Upanyas Kala is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 2.9 MB
कुल पृष्ठ : 180

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

उपन्याग गरी पर भारी मै यह हा गया है कि वह भूत या वर्तमान ममय के पत्रिों सौर त्रिपामा भित्र मरना है जो यथार्प जीवन का प्रतिनिधित करते हैं । परिमापा ६६ मंदा हमें ममम् वे मुम्य दिई की भोर से आता है। उपन्यास में जिग पार्ष पर जोर दिया जाता है वह पापं महाकाय के पार्ष की तुलना में अधिक मौमि पर पधर यामक होता है । उपन्यास के जो पात्र होते हैं वे महा कपि के पात्रों की तुलना में गामान्य जीवन के असिम से बाहर नहीं प्रतीत हो मोर उनकी त्रियाएँ गामान्य जीवन में पथक सम्वद्ध रहती हैं और अधिक स्वाभाविक होती हैं।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.