हमें ऊर्जा के बारे में कैसे पता चला : इसाक असिमोव | How Did We Find About Energy : Isaac Asimov के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हमें ऊर्जा के बारे में कैसे पता चला है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Isaac Asimov | Isaac Asimov की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Isaac Asimov | इस पुस्तक का कुल साइज 1.4 MB है | पुस्तक में कुल 41 पृष्ठ हैं |नीचे हमें ऊर्जा के बारे में कैसे पता चला का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हमें ऊर्जा के बारे में कैसे पता चला पुस्तक की श्रेणियां हैं : science
Name of the Book is : How Did We Find About Energy | This Book is written by Isaac Asimov | To Read and Download More Books written by Isaac Asimov in Hindi, Please Click : Isaac Asimov | The size of this book is 1.4 MB | This Book has 41 Pages | The Download link of the book "How Did We Find About Energy" is given above, you can downlaod How Did We Find About Energy from the above link for free | How Did We Find About Energy is posted under following categories science |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
मान लें कि आपके पास क़जों का एक स्रोत्र है। क्या आप उससे । जितना चाहें उतना काम कर पाएंगे? क्योंकि ऊर्जा-संरक्षण के नियम के अनुसार कर्जा कभी क्षय नहीं होती। इस तरह आप ऊर्जा को एक रूप से दूसरे, फिर तीसरे और अंत में फिर पहले रूप में लगातार बदल पाएंगे। और ऊन के हरेक परिवर्तन में आप उससे लगातार कुछ-न-कुछ काम ले पाएंगे। क्या ऐसा सम्भव होगा?
वास्तविकता में ऐसा सम्भव नहीं होगा। ऊजी कशी लुप्त नहीं होती है, परन्तु सभी की सभी ऊर्जा को काम में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
इसको सबसे पहले समझा एक फ्रेंच वैज्ञानिक निकोलस एल एस कारन ने। उन्होंने अपना काम कर्जा–संरक्षण के नियम के प्रतिपादन से बहुत पहले 1824 में शुरू किया। कारनों की ऊर्जा संरक्षण के नियम को सिद्ध करने में कोई रुचि नहीं थी। उनकी एक अन्य छोटी समस्या में रुचि थी।।
| 1824 में भाप के इंजनों द्वारा अनक कार्य किए जा रहे थे। भाप के इंजन में पहले पानी को उबाला जाता है और फिर उस भाप को एक टंकी में एकत्रित किया जाता है। जैसे जैसे टंकी में भाप जमा होती है उससे टंकी का दाब बढ़ता जाता है। जब इस उच्च दाब की शप टंकी में से निकलती है तो उससे लोहे की छड़ें आगे-पीछे चलती है और पहिए चूमते हैं और इस तरह से उपयोगी कार्य सम्पन्न होते हैं।