हमें डायनासोर के बारे में कैसे पता चला : अरविन्द गुप्ता हिंदी पुस्तक मुफ्त पीडीऍफ़ | How We Found About Dinosaurs : Arvind Gupta Hindi Book Free PDF

हमें डायनासोर के बारे में कैसे पता चला : अरविन्द गुप्ता | How We Found About Dinosaurs : Arvind Gupta

हमें डायनासोर के बारे में कैसे पता चला : अरविन्द गुप्ता  | How We Found About Dinosaurs : Arvind Gupta

हमें डायनासोर के बारे में कैसे पता चला : अरविन्द गुप्ता | How We Found About Dinosaurs : Arvind Gupta के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हमें डायनासोर के बारे में कैसे पता चला है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arvind Gupta, Isaac Asimov | Arvind Gupta, Isaac Asimov की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : , | इस पुस्तक का कुल साइज 6.5 MB है | पुस्तक में कुल 37 पृष्ठ हैं |नीचे हमें डायनासोर के बारे में कैसे पता चला का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हमें डायनासोर के बारे में कैसे पता चला पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, science

Name of the Book is : How We Found About Dinosaurs | This Book is written by Arvind Gupta, Isaac Asimov | To Read and Download More Books written by Arvind Gupta, Isaac Asimov in Hindi, Please Click : , | The size of this book is 6.5 MB | This Book has 37 Pages | The Download link of the book "How We Found About Dinosaurs" is given above, you can downlaod How We Found About Dinosaurs from the above link for free | How We Found About Dinosaurs is posted under following categories children, science |

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पुस्तक का साइज : 6.5 MB
कुल पृष्ठ : 37

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लोग हमेशा से जमीन खोदते रहे हैं - आज से हजारों साल पहले भी लोग जमीन को खोदते थे। जमीन की गहराई में खनिज छिपे होते हैं जिनसे हम उपयोगी धातुएं मिलती हैं।
कभी-कभी खुदाई करते समय लोगों को कुछ पथरीली वस्तुएं मिलती थी जिनका आकार हड्डियों और सौपियों से मिलता-जुलता होता था। पर कभी-कभी इन वस्तुओं का आकार जानी-पहचानी हड्डियों और सीपियों से बिलकुल अलग होता था।
उनके बारे में क्या करें? खुदाई करने वालों की दरअसल इन चीजों की खोज में कोई रुचि नहीं थी। यो इन चीजों को एक ओर फेंक देते और अपनी असली काम में व्यस्त हो जाते।
आज से चार सौ वर्ष पहले जर्मन जियोरजियस एग्रिकला दुनिया के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने खनन के काम को वैज्ञानिक नजर से देखा। उन्होंने अपनी सारी जिन्दगी खदानों में बिताई और जमीन के नीचे से निकले खनिजों का अध्ययन किया।

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