कलमा शहादत का अर्थ | Kalma Shahadat ka Arth

कलमा शहादत का अर्थ : अज्ञात | Kalma Shahadat ka Arth : Unknown

कलमा शहादत का अर्थ : अज्ञात | Kalma Shahadat ka Arth : Unknown के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कलमा शहादत का अर्थ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.2 MB है | पुस्तक में कुल 32 पृष्ठ हैं |नीचे कलमा शहादत का अर्थ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कलमा शहादत का अर्थ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, islam

Name of the Book is : Kalma Shahadat ka Arth | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.2 MB | This Book has 32 Pages | The Download link of the book "Kalma Shahadat ka Arth" is given above, you can downlaod Kalma Shahadat ka Arth from the above link for free | Kalma Shahadat ka Arth is posted under following categories dharm, islam |


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पुस्तक का साइज : 1.2 MB
कुल पृष्ठ : 32

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कलमा काअर्थ समस्त मुसलमानों को इस पर इत्तिफाक है किइसलाम धर्म की जड़ तथ मरदलूक पर लागू होने वाली सर्वप्रथम कर्तव्य इस बात की गवाही देना है कि अल्लाह के अतिरिक्त कोई उपास्य नहीं, और मुहम्मद स० अल्लाह के रसूल (दूत) हैं। | इसी कलमा कर पढ़कर काफिर मुसलमान बनता है, स्व इसलामका कट्टर शत्रु अपने भीतर ऐसी परिवर्तन लाता है कि उसकी दुश्मनी दोस्ती में अदलजाती है. और धन, प्रणिका सुरक्षा को अधिकार मिलता है। अतः एक काफिर जब तक अपनी जान से यह कलमी नहीं पढ़े गए वह मुसलमान नहीं कहलायेगा, क्योंकि यही इसलामधर्म की कुंजी तथा प्रथम स्तंभ हैं

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