ज्वालामुखी अध्ययन हिंदी पुस्तक | Know About Volcanoes Hindi Book

ज्वालामुखी अध्ययन हिंदी पुस्तक | Know About Volcanoes Hindi Book

ज्वालामुखी अध्ययन हिंदी पुस्तक | Know About Volcanoes Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : है | इस पुस्तक के लेखक हैं : | की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 7.54 MB है | पुस्तक में कुल 39 पृष्ठ हैं |नीचे का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, education, science

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पुस्तक का साइज : 7.54 MB
कुल पृष्ठ : 39

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सभ्य रहा होगा। वहां उन्हें बहुत सुंदर मिट्टी के बर्तन और भित्ती-चित्र मिले। वहाँ उन्हें एक भयानक विस्फोट के भी प्रमाण मिले जो शायद ईसा पूर्वी 1500 में हुआ होगा। उस समय थीरा पर एक बड़ा पहाड़ था जो ईजीएन समुद के पेंदे से ऊपर उठता था। पहाड़ का ऊपरी भाग जो समुद्र की सतह से ऊपर था एकदम गोलाकर था इसलिए उस द्वीप का आकार भी गोल था।न तह 1 55 श्र 117 हिासाएतत्त इनका हा पक कम अर मदन है 2 1 ८1% 51 8 कै के ३4 तिसाड म 1111 113 3६ नहा ८ ८1 1 ? ८॥५11१0७५ क्रीट के भित्ती चित्र पर यह पहाड़ कोई साधारण पहाड़ नहीं था। उस पहाड़ की गहराई में बहुत ऊष्मा छिपी थी जो कभी ऊपर को उठती और कभी नीचे की ओर डूबती थी। कभी-कभी इस प्रकार के पहाड़ों में जब गर्मी बहुत अत्यधिक हो जाती है तो पहाड़ के अंदर के पत्थर पिघल जाते हैं। जैसे-जैसे और पत्थर पिघलते हैं वो धीरे-धीरे सतह के पास आ जाते हैं। इस प्रचंड गर्मी से पहाड़ की सतह पिघल कर उसमें एक छेद बन जाता है। और अंत में इस छेद में से लाल-गर्म पिघले पत्थरों की नदी बाहर निकलती है और पहाड़ी से नीचे बहने लगती है। इन पिघले पत्थरों को लावा कहते हैं। यह एक इतालवी शब्द है जिसका मतलब होता है धोना । शुरू में इटली में नेपिल्स शहर के निवासियों ने बारिश को लावा बुलाया - क्योंकि वर्षा से सड़कें धुलकर साफ हो जाती थीं। पिघले पत्थर की नदी पर भी लावा शब्द बखूबी लागू हुआ क्योंकि जब यह गर्म नदी बहती तो आसपास सारी घास और पेड़ों की धुलाई हो जाती। इस गर्म लावे के बहने से खतरा भी हो सकता था। पहाड़ी के ढलान

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