लोकरंग | Lokrang

लोकरंग | Lokrang

लोकरंग | Lokrang के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : लोकरंग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 17.6 MB है | पुस्तक में कुल 438 पृष्ठ हैं |नीचे लोकरंग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | लोकरंग पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Lokrang | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 17.6 MB | This Book has 438 Pages | The Download link of the book "Lokrang" is given above, you can downlaod Lokrang from the above link for free | Lokrang is posted under following categories literature |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 17.6 MB
कुल पृष्ठ : 438

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राजस्थान की रमवंतो कला परम्पराएँ वड़ी समृद्ध एवं समुन्नत रही हैं। लोकनाट्य ख्याल जैसी यहां की सशक्त विधा गत दस वर्षों से हमारे अध्ययन का विपय बनी हुई है । इन ख्यालों के यहां कई छोट-छोटे यांचलिक रूप प्रचलित हैं जिनका संगीत, गायकी एवं नृत्य अदायगी की दृष्टि से अपना शिल्पगत वैशिष्ट्य. हैं । सामरजी ने इन नाट्यों के विलुप्तप्राय रूपों को न केवल पुनर्जीवित ही किया अपितु साहित्यिक धरातल प्रदान कर पारम्परिक पृष्ठभूमि में नया अकिलन देकर उन्हें श्रीहीन होने से भी बचाया है।

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