मेवाड़ का संक्षिप्त इतिहास | Mewad Ka Sankshipt Itihas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मेवाड़ का संक्षिप्त इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 06.25 MB है | पुस्तक में कुल 348 पृष्ठ हैं |नीचे मेवाड़ का संक्षिप्त इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मेवाड़ का संक्षिप्त इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge
Name of the Book is : Mewad Ka Sankshipt Itihas | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 06.25 MB | This Book has 348 Pages | The Download link of the book "Mewad Ka Sankshipt Itihas " is given above, you can downlaod Mewad Ka Sankshipt Itihas from the above link for free | Mewad Ka Sankshipt Itihas is posted under following categories history, Knowledge |
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शिलादित्य को, एवं वीर विनोद में महेन्द्र द्वितीय को वापा माना है । लेकिन वास्तव में यहां कालभोज ही वार थे । क्योंकि बापा को खुमान का पिता होना लिखा है और खुमान कालभोज के हो पुत्र थे। इसके अतिरिक्त यह बात प्रसिद्ध है कि वापा ने ऐक लिंग जी का मंदिर बनवाया ।यही वात टाड़ साहब ने भी लिखी है कि 'एकलिंगजी के मंदिर के निर्माता कालभोज थे' वड़वा भाट लिखते हैं कि इनके २४ वें पुत्र भीमसिंह दक्षिण में गये थे ।