मुझे डर क्यों लगता है : पैट्रीशिया हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड करो | Mujhe Dar Kyon Lagta Hai : Patricia Hindi Book free PDF Download

मुझे डर क्यों लगता है : पैट्रीशिया | Mujhe Dar Kyon Lagta Hai : Patricia

मुझे डर क्यों लगता है : पैट्रीशिया  | Mujhe Dar Kyon Lagta Hai : Patricia

मुझे डर क्यों लगता है : पैट्रीशिया | Mujhe Dar Kyon Lagta Hai : Patricia के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मुझे डर क्यों लगता है है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arvind Gupta | Arvind Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.9 MB है | पुस्तक में कुल 27 पृष्ठ हैं |नीचे मुझे डर क्यों लगता है का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मुझे डर क्यों लगता है पुस्तक की श्रेणियां हैं : children

Name of the Book is : Mujhe Dar Kyon Lagta Hai | This Book is written by Arvind Gupta | To Read and Download More Books written by Arvind Gupta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.9 MB | This Book has 27 Pages | The Download link of the book "Mujhe Dar Kyon Lagta Hai" is given above, you can downlaod Mujhe Dar Kyon Lagta Hai from the above link for free | Mujhe Dar Kyon Lagta Hai is posted under following categories children |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 2.9 MB
कुल पृष्ठ : 27

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कुछ “डर” सही होते हैं और बच्चे की उम्र से उनका सीधा सम्बन्ध होता है. छोटे शिशुओं को, अजनबियों का डर और अपने माँ-बाप से बिछड़ने का डर लगा रहता है. जब बच्चा बड़ा होता है और उसकी कल्पनाशक्ति उड़ान भरती है - फिर उसे अकेले का, अँधेरे का और अजनबी जानवरों आदि से डर लगता है. उन स्थितियां पर बच्चे का कोई नियंत्रण नहीं होता है. बच्चे से हमारी क्या अपेक्षाएं हैं? अगर बच्चे को यह पता होगा तो फिर उसमें शक्ति और नियंत्रण की क्षमता पैदा होगी. बच्चे से हमारी क्या अपेक्षाएं हैं, उससे हम बच्चे को अवगत कराएँ.
यह ज़रूरी है कि आप बच्चे के “हिम्मत” वाले क्षणों को पहचानें और उसकी प्रशंसा करें. बड़े भूल जाते हैं कि छोटे बच्चों को, अक्सर छोटे-छोटे काम करने के लिए भी काफी हिम्मत जुटानी पड़ती है. अगर आपका बच्चा किसी ऊंची सीढ़ी पर पहली बार चढ़े या फिर कोई नया मित्र बनाये तो आप उसकी ज़रूर प्रशंसा करें. इससे बच्चे का हौसला बुलंद होगा और वो नई खोजें करने और नए अनुभव प्राप्त करने को प्रेरित होगा.

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