नवक्षितिज | Navkshitij

नवक्षितिज | Navkshitij

नवक्षितिज | Navkshitij के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : नवक्षितिज है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Hansraj Rahbar | Hansraj Rahbar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 7.3 MB है | पुस्तक में कुल 106 पृष्ठ हैं |नीचे नवक्षितिज का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नवक्षितिज पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Navkshitij | This Book is written by Hansraj Rahbar | To Read and Download More Books written by Hansraj Rahbar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 7.3 MB | This Book has 106 Pages | The Download link of the book " Navkshitij " is given above, you can downlaod Navkshitij from the above link for free | Navkshitij is posted under following categories Stories, Novels & Plays |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 7.3 MB
कुल पृष्ठ : 106

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हिन्दुस्तान में वे लोग बसते थे और अब भी बसते है जो जमीन पर बैठे। आसमान की बातें करते हैं। उन्हें न किसी कुरबीन की जरूरत है, न कोई यत्र की दरकार है। उनके दिमाग मे ही वह शक्ति है कि वे सिर्फ ध्यान लगाकर ही हरेक सितारे तक पहुँच सकते है । हम हिन्दुस्तानियों ने उन ईजादी को जन्म दिया कि योरपवाले उनका नाम सुनकर ही दग रह जाते है । जग से कोई दिन पहले हिटलर ने सस्कृत के एक विद्वान् को चालीस लाख रुपये इसलिये भेजे थे, कि वे उसे यह खोज लगाकर बताये, कि लक्ष्मण ने राम की मदद को जाते वक्त सीता के गिर्द जो लकीर बनाई।

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