नीलबाग के डेविड : अरविन्द गुप्ता हिंदी पुस्तक मुफ्त पीडीऍफ़ डाउनलोड | Neelbagh Ke David : Arvind Gupta Hindi Book Free PDF Download

नीलबाग के डेविड : अरविन्द गुप्ता | Neelbagh Ke David : Arvind Gupta

नीलबाग के डेविड : अरविन्द गुप्ता | Neelbagh Ke David : Arvind Gupta

नीलबाग के डेविड : अरविन्द गुप्ता | Neelbagh Ke David : Arvind Gupta के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : नीलबाग के डेविड है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arvind Gupta | Arvind Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 250 KB है | पुस्तक में कुल 21 पृष्ठ हैं |नीचे नीलबाग के डेविड का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नीलबाग के डेविड पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, education, inspirational

Name of the Book is : Neelbagh Ke David | This Book is written by Arvind Gupta | To Read and Download More Books written by Arvind Gupta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 250 KB | This Book has 21 Pages | The Download link of the book "Neelbagh Ke David" is given above, you can downlaod Neelbagh Ke David from the above link for free | Neelbagh Ke David is posted under following categories children, education, inspirational |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 250 KB
कुल पृष्ठ : 21

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ज्यादा मज़ा आता है।
पिछले बीस सालों में मुझे 1,200 से भी अधिक स्कूलों को देखने का मौका मिला है। नीलबाग उसमें से सबसे नायाब था। उसकी खुशबू आज भी मेरी रूह से चिपकी है। मैं नीलबाग अलग-अलग कारणों से तीन बार गया और वहां की यादें मेरे ज़हन में आज भी तरोताज़ा हैं। | नीलबाग गांव के बच्चों के लिए था। वहां बच्चे इसलिए आते क्योंकि वो उनके लिए शायद दुनिया की सबसे रोचक जगह थी। स्कूल शुरू होने से एक घंटा पहले ही बच्चे स्कूल में आकर अपना डेरा जमा देते थे। डेविड चाहते थे कि बच्चे अपने गांव में ही रहें । शायद इसलिए उन्होंने बच्चों के लिए नीलबाग में कोई होस्टल नहीं खोला । होस्टल में रहने से बच्चों का गांव से अलगाव होने का डर था। शाम को स्कूल खत्म होने के बाद भी बच्चे घर नहीं जाते थे। वे स्कूल में ही जमे रहते थे। जब काफ़ी रात हो जाती थी तो डेविड उन्हें प्यार से डांटते थे,

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