पंचादशी | Panchadasi के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : पंचादशी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vidyaranya Swami | Vidyaranya Swami की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Vidyaranya Swami | इस पुस्तक का कुल साइज 19.9 MB है | पुस्तक में कुल 726 पृष्ठ हैं |नीचे पंचादशी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पंचादशी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Panchadasi | This Book is written by Vidyaranya Swami | To Read and Download More Books written by Vidyaranya Swami in Hindi, Please Click : Vidyaranya Swami | The size of this book is 19.9 MB | This Book has 726 Pages | The Download link of the book "Panchadasi" is given above, you can downlaod Panchadasi from the above link for free | Panchadasi is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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अच्युत हे अनन्त आपको मेरा अनन्त वार प्रणास हो । अब तो मेरी एकमात्र यही अभिलाषा रह गयी है कि आप को प्रणाम करना मेरे स्वभाव में प्रविष्ट हो जाय । मेरे सम्पूर्ण कर्म आप के लिये किये गये प्रणाम के रूप हो जाय दिन रात के मेरे इणीस हज़ार छ सौ श्वास आप को किये गये प्रणामों का रूप धारण करले मेरे नेत्रों के निर्मपोन्मेप आपके प्रणाम की माला बन जाय मेरे मन के संकल्प विकल्प पर आप को प्रणाम करने की ही एकमात्र धुन सवार हो जाय मेरी नादियों के स्पन्दन की गुंजार में आप को ही प्रणाम करने की रट सुनाई पड़ने लग जाये ।